पता ही ना चला
कब
शब्दों से खेलने लगी
अपने ख्यालों क़ो
फ्लोरने लगी
अपने भावों, जज्बातों की
कहानी,कविता बुनने लगी
और एक दिन पन्नों पे उकेरने लगी
प्यार मिला सबसे इतना
आसमाँ में उडने लगी
ਸਾਰ
पता ही ना चला
कब
शब्दों से खेलने लगी
अपने ख्यालों क़ो
फ्लोरने लगी
अपने भावों, जज्बातों की
कहानी,कविता बुनने लगी
और एक दिन पन्नों पे उकेरने लगी
प्यार मिला सबसे इतना
आसमाँ में उडने लगी
ਰਿਪੋਰਟ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ
ਰਿਪੋਰਟ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ
ਰਿਪੋਰਟ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ